सबल* कितने निष्ठुर* हैं उनके ठहाकों की गूंज यहाँ तक है।। सबल* कितने निष्ठुर* हैं उनके ठहाकों की गूंज यहाँ तक है।।
कि ये सब गवाह हैं, जिम्मेदार हैं, बस मेरी ख़ामोशी के, कि ये सब गवाह हैं, जिम्मेदार हैं, बस मेरी ख़ामोशी के,
हे प्रभु! मुझ पापी का ना बहिष्कार कर, पिता है तू तो बस, मेरे जीवन का परिष्कार कर। हे प्रभु! मुझ पापी का ना बहिष्कार कर, पिता है तू तो बस, मेरे जीवन का परिष्कार...
मन मलिन है ,प्राण व्यथित है ,अब तो पार कीजे। मन मलिन है ,प्राण व्यथित है ,अब तो पार कीजे।
तुम हो ऐसे वीर कि शिला को पिघला सकते होंहै तुम में शक्ति कि पानी में आग लगा सकते हों, तुम हो ऐसे वीर कि शिला को पिघला सकते होंहै तुम में शक्ति कि पानी में आग लगा सकते...
दुर्गंध युक्त स्वार्थ में सिमटकर, मिलन ना तुमसे कर पाऊँगा।। दुर्गंध युक्त स्वार्थ में सिमटकर, मिलन ना तुमसे कर पाऊँगा।।